Wednesday, December 8, 2010

मेरा महबूब


सूक्षम का शिखर ,
नजाकत की लहर ,
कयामत का कहर ,
मेरा महबूब !

सूरज का मीत ,
सितारे सा शीत ,
रौशनी की जीत ,
मेरा महबूब !

सागर का नीर ,
धरती का धीर ,
पातळ का आखीर ,
मेरा महबूब !

चन्दन की महक ,
कोयल की चहक ,
हिरन की सहक ,
मेरा महबूब !
हीरे की चमक ,
नूर की दमक ,
अम्बर की धमक ,
मेरा महबूब !


कली की झलक ,
परी की पल्क ,
इशकी सबक ,
मेरा महबूब !

फकीरी मलाल ,
रब्बी ख़याल ,
गहरा स्वाल ,
मेरा महबूब !




कोई नज़म ,
जाने बज़म
मेरी कलम ,
मेरा महबूब !




वक़्त की आह ,
कुदरत की राह ,
फरिश्ते की चाह,
मेरा महबूब !




प्यारे दोस्त "संत वरदान को " सप्रेम भेंट




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