वतन से प्यार का ज़ज्बा , हर दिल में जगा दे !
वो शमा भगत सिंह वाली , रग रग में जला दे !
ना हों ज़ात के झगडे , ना धर्मों के हों बंटवारे ,
ऐ मालिक सभी का , बस एक ही रिश्ता बना दे !
भाषाओं से ना हो , पहचान किसी आदम की ,
एक भाषा प्यार की , जन जन को सिखा दे !
अपने अपने काम को , समझें सभी पूजा ,
रिशवत का दाग , हर एक चेहरे स हटा दे !
ना लाशों से बने ,सरहदें कहीं मुल्कों की ,
अमनों चेन से रहना , हर मन को सिखा दे !
शहीदों की सोगात ,आज़ादी सस्ती नहीं मिली ,
डर है की नई पीढ़ी , इसे यूँ ही ना गँवा दे !
आज़ाद माँ के सपूत ,नशों में गर्क हो रहे हैं ,
अँधेरा में घिर चुके जो , उन्हें रौशनी दिखा दे !
वत्तन की खातिर , ख़ुशी से जान भी दे दें ,
आन सलामत रहे वतन की ,एहसास दिलादे !
नारी मेरे वतन की, सीता भी है, झांसी भी ,
बस बेगानी सभ्यता से , थोडा सा बचा दे !
चाँद को छूने वाला दिल, क्या नहीं कर सकता,
मेरे हर भारत वासी को , नित नया हौसला दे !
हम हैं हिन्दुस्तानी , हमारी शान हिन्दुस्तान ,
हमारी आन है तिरंगा ,हर जान को सिखा दे
'कुरालीया ' क़र्ज़ ,इस धरती का चुकाना लाजिम है ,
वो शमा भगत सिंह वाली , रग रग में जला दे !
ना हों ज़ात के झगडे , ना धर्मों के हों बंटवारे ,
ऐ मालिक सभी का , बस एक ही रिश्ता बना दे !
भाषाओं से ना हो , पहचान किसी आदम की ,
एक भाषा प्यार की , जन जन को सिखा दे !
अपने अपने काम को , समझें सभी पूजा ,
रिशवत का दाग , हर एक चेहरे स हटा दे !
ना लाशों से बने ,सरहदें कहीं मुल्कों की ,
अमनों चेन से रहना , हर मन को सिखा दे !
शहीदों की सोगात ,आज़ादी सस्ती नहीं मिली ,
डर है की नई पीढ़ी , इसे यूँ ही ना गँवा दे !
आज़ाद माँ के सपूत ,नशों में गर्क हो रहे हैं ,
अँधेरा में घिर चुके जो , उन्हें रौशनी दिखा दे !
वत्तन की खातिर , ख़ुशी से जान भी दे दें ,
आन सलामत रहे वतन की ,एहसास दिलादे !
नारी मेरे वतन की, सीता भी है, झांसी भी ,
बस बेगानी सभ्यता से , थोडा सा बचा दे !
चाँद को छूने वाला दिल, क्या नहीं कर सकता,
मेरे हर भारत वासी को , नित नया हौसला दे !
हम हैं हिन्दुस्तानी , हमारी शान हिन्दुस्तान ,
हमारी आन है तिरंगा ,हर जान को सिखा दे
'कुरालीया ' क़र्ज़ ,इस धरती का चुकाना लाजिम है ,
बची हर सांस अपनी ,बस राह में वतन की लगा दे !
वतन से प्यार का ज़ज्बा, हर दिल में जगा दे !
वो शमा भगत सिंह वाली , रग रग में जला दे !
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